क्या बहुत गुस्सा आना भी कोई रोग है?
सेहतराग टीम
गुस्सा एक सहज इंसानी प्रतिक्रिया है जो अपने मनमाफिक कार्य न होने पर किसी को भी आ सकता है। मगर हमने कई लोगों को बहुत अधिक गुस्सा करते देखा है। इससे एक सहज सवाल उठता है कि क्या बहुत अधिक गुस्सा करना कोई रोग है? इस सवाल का जवाब दिल्ली के जाने माने फीजिशियन प्रोफेसर (डॉ.) एम.पी. श्रीवास्तव ने अपनी किताब सवाल आपके जवाब डॉक्टर के में दिया है।
डॉक्टर श्रीवास्तव के अनुसार गुस्सा आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। परंतु यदि किसी को गुस्सा अधिक आता है तो यह कई रोगों का परिचायक अवश्य हो सकता है। कोई पुरानी बीमारी या शारीरिक कमजोरी, मानसिक तनाव, कुछ हार्मोन ग्रंथियों के कार्य में असंतुलन भी अधिक गुस्से का कारण हो सकती है।
इसी तरह उच्च रक्तचाप, खून में शर्करा का अधिक स्तर या शर्करा का सामान्य से कम स्तर भी गुस्से की वजह हो सकता है। इस बारे में जानने योग्य बात यह है कि मेडिसीन के सही जानकार यानी किसी बढ़िया फीजिशियन से दिखाने से और विस्तृत जांच कराने से रोग का निदान हो सकता है। दवाओं के अतिरिक्त संयम और ध्यान से भी लाभ हो सकता है। नियमित व्यायाम और संतुलित आहार भी आवश्यक है।
वैसे भारतीय चिकित्सा पद्धति की बात करें तो गुस्से को नियंत्रण में रखने का योग और आयुर्वेद दोनों में प्रभावी तरीके बताए गए हैं। वैद्य अच्युत कुमार त्रिपाठी कहते हैं कि आयुर्वेद में गुस्से को तामसी भोजन से जोड़ा गया है। ये माना जाता है कि तामसी प्रवृत्ति का भोजन यानी जिसमें ज्यादा मात्रा में तेल मसाला इस्तेमाल किया गया हो, उससे शरीर में तमो गुण बढ़ जाता है। इससे बात-बात पर गुस्से की भावना प्रकट होती है। इससे बचाव के लिए भोजन को सात्विक रखना चाहिए।
दूसरी ओर योग गुरु सुनील सिंह कहते हैं कि योग की कुछ क्रियाएं हमारे दिमाग को शांत करती हैं और अपनी दिनचर्या में इन क्रियाओं को शामिल करने से मन मस्तिष्क शांत रहता है। सुनील सिंह के अनुसार रोज नियमित रूप से ध्यान की क्रिया करने से दिमाग शांत रहता है और धीरे-धीरे गुस्सा काबू में आ जाता है। इसके अलावा सर्वांगासन करने से भी इस समस्या में लाभ पहुंचता है।
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